1:- Short introduction of geometry.
2:-Indian scientist in the field of geometry.
3:-Unique school project.
4:-Remarks
1:- Over the last hundreds of thousands of millions of years, we have found that The place of geometry in mathematics is unique. To compare it with any other subject is nothing but foolishness.Our body has its own geometry ,trees , plants rivers, drains, animals, Mountains, ponds, fields, barns, etc...all have their own structure. Flower growing on its own principle. Our walking style ,Standing of a tall building,the Earth revolves around the sun and our solar system revolves around the Milky Way ,At the same time, many galaxies contribute to the creation of the universe are nothing but the accuracy of geometry.If a body stumbles upon its geometry or leaves its geometry, then its existence disappears.
Translation results
To compare itपिछले सैकड़ों हजारों लाखों करोड़ों वर्षों से हमने यही पाया है कि ज्यामिति का जो स्थान गणित में है वह अतुल है।इसकी तुलना किसी और विषय से करना मूर्खता से बढ़कर कुछ नहीं है।हमारे शरीर की अपनी ज्यामिति होती है पेड़ पौधों नदी नालों जानवर जंतुओं पर्वतों तालाबों खेत खलिहान आदि सभी की अपनी-अपनी संगरचनाएं हैं पुष्प का अपने सिद्धांतों पर विकसित होना। हमारा चलना ।किसी ऊंचे बिल्डिंग का खड़ा होना । पृथ्वी का अपने दूरी पर घूमना तथा हमारे सौरमंडल का आकाशगंगा के चारों और परिक्रमण करना साथ ही साथ कई आकाशगंगा ओं का ब्रह्मांड के निर्माण में सहयोग देना और कुछ नहीं ज्यामिति की सटीकता ही है। कोई पिंड अगर अपनी ज्यामिति पर से डगमगा जाता है या अपनी ज्यामिति छोड़ जाता है तो उसका अस्तित्व ही मिट जाता है।
2:- India has always been a country of sages and ascetics. Their understanding in geometry has been incomparable since ancient times. One of these famous names is Brahmagupta.
2:-भारत हमेशा से ही ऋषि मुनियों और तपस्वियों का देश रहा है।ज्यामिति पर इनलोगों समझ प्राचीन समय से ही अतुलनीय है।इनमें से एक प्रसिद्ध नाम ब्रह्मगुप्त है।
3:- This is a thrill in itself. Every time something or find something new and then asking myself why it happened.
But today I keep my little understanding here.
Suppose we have many long bamboo sticks, some 20 meters, 30 meters, 15 meters, 18 meters, etc.
For some reason, all we have to do is divide each one into two parts. I have given the example of bamboo here. We can also take something else like sugar cane sticks.
So do we have to measure each with lace! Or geometry will give us a new way so that we can easily divide all of them at once.The popular method is to cut each one in half.
And I want your consent on the other way.
First of all, we will put the smallest in size on the ground.
In this way, an angle of 90 degrees will be drawn at both ends with bamboo. The rest of the sticks will be placed between the two lines. Whatever is fit, we do not have to worry about it.After doing so, the real feat of geometry will now be in front of us.
We can divide these sticks in any ratio, whether it is 1 ratio 1, 2: 3 or 34 ratio 4.
All we have to do is to mark the ratio we want to get in the rest of the stems on that small base stem.
And from that point draw a line parallel to both ends which will mark all the sticks.
1:5 1:1 6:1All the poles will be divided in the same ratio in which the base is divided.
How exciting it is when something makes sense to us.
You are all geometry lovers. You know how it all happened.
After all, which theory of geometry is applied here?
you can write your opinion in the comment section.
3:- यूं तो इसे समझना ही अपने आप में एक रोमांच होता है।हर वक्त कुछ ना कुछ नया पाते हैं और फिर अपने आप से ही पूछ बैठते हैं कि ऐसा क्यों हुआ।
पर आज मैं अपनी छोटी से समझ को यहाँ रखता हूं।
मान लीजिए हमारे पास कई बांस के लम्बे-लम्बे डंडीयां हैं ,कोई 20 मीटर कोई 30 मीटर कोई 15 मीटर कोई 18 मीटर आदि।
किसी कारण बस हमें हर एक को दो भागों में विभाजित करना है ।मैंने यहां बांस का उदाहरण दिया है हम कुछ और भी ले सकते हैं जैसे गन्ने की डडियां।तो क्या हमें प्रत्येक को फीता से नापना होगा ! या फिर ज्यामिति हमें कोई नया रास्ता देगी जिससे कि हम सरलता से एक ही बार में सभी को चिन्हित कर सकें। प्रचलित तरीका यह है कि हम हर एक को आधा-आधा नाप कर काट लें।
और जो दूसरा तरीका है उस पर मैं आप सब की सहमति चाहता हूं।
सबसे पहले हम देखने में जो साइज में सबसे छोटा लगता है उसे जमीन पर रखेंगे।
इस प्रकार बांसों से दोनों सिरों पर 90 डिग्री का कोण खिचेंगे। बाकी बचे सभी डंडियों को दोनों रेखाओं के बीच लिटा देंगे ।जो जैसा फिट होगा इसकी हमें कोई चिंता नहीं करनी है।इतना करने के बाद ज्यामिति का असली कारनामा अब हमारे सामने होगा।हम इन डंडीयों को किसी भी अनुपात में विभाजित कर सकते हैं वह चाहे 1अनुपात 1 हो 2:3 हो या 34अनुपात 4 हो।
बस हमें उस छोटे आधार वाले डंडी पर उस अनुपात को अंकित करना है जो हम बाकी डंडीयों में प्राप्त करना चाहते हैं।
सभी डंडीयाँ उसी अनुपात में विभाजित होगी जिस अनुपात में आधार विभाजित हुआ है।
कितना रोमांचक लगता है जब कुछ हमारी समझ में आता है।
आप सभी ज्यामिति प्रेमी हैं आपको यह पता है कि यह सब कैसे हुआ है।
आखिर ज्यामिति का कौन सा सिद्धांत यहां पर लगा है ?
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